नई दिल्ली, 13 दिसंबर : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल मैं भी किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास करूंगा। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और देशवासियों से अपील है कि वे भी कल एक दिन का उपवास रखें। सीएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा के मंत्री और नेता किसानों को देशद्रोही बताकर उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। देश की रक्षा करने वाले हजारों पूर्व सैनिक भी किसानों के साथ बॉर्डर पर बैठे हैं, खिलाड़ी, सेलिब्रिटी और डाॅक्टर आदि भी समर्थन में हैं, भाजपा के मंत्री-नेता बताएं कि क्या ये सारे लोग देशद्रोही हैं? उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के साथ रामलीला मैदान में हुए हमारे आंदोलन के दौरान कांग्रेस की केंद्र सरकार ने भी हमें देश विरोधी बता कर बदनाम किया था, आज वही काम भाजपा सरकार कर रही है। अभी तक देश में अनाज की जमाखोरी अपराध था, लेकिन इस बिल के बाद जमाखोरी अपराध नहीं होगा, कोई कितना भी अनाज की जमाखोरी कर सकता है। केंद्र सरकार को अपना अहंकार छोड़ देना चाहिए। अगर जनता इन बिलों के खिलाफ है, तो इन्हें वापस लिया जाए और एमएसपी पर फसलें खरीदने की गारंटी देने वाला बिल बनाया जाए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों ने कल एक दिन के उपवास का ऐलान किया है। पूरे देश की जनता से उन्होंने अपील की है कि उनके समर्थन में सब लोग एक दिन का उपवास रखें। मैं भी उनके साथ कल एक दिन का उपवास रखूंगा। मैं सभी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं, समर्थकों से अपील करता हूं कि वो भी किसानों की इन मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखें। मैं देश के सभी लोगों से अपील करता हूं। ऐसे बहुत सारे लाखों-करोड़ों लोगों को मैं जानता हूं जो दिल से किसानों के साथ हैं। अपने दिन-ब-दिन की दिनचर्या की वजह से वह सीमा पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन वे दिल से उनके साथ हैं। अब उनको भी मौका मिला है। ऐसे सब लोग अपने-अपने घरों में एक-एक दिन का उपवास रखें और किसानों की मांगों के समर्थन में प्रार्थना करें।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार के कुछ मंत्री और भाजपा के लोग बार-बार कह रहे हैं कि यह किसान देशद्रोही हैं। यह आंदोलन देशद्रोहियों का है। यहां पर देश विरोधी लोग बैठे हुए हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि सेवानिवृत हो चुके हजारों पूर्व सैनिक सीमा पर किसानों के साथ बैठे हुए हैं। जिन लोगों ने एक समय पर देश की रक्षा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई थी। ऐसे हजारों सैनिक अपने घरों में बैठकर उनके लिए दुआएं-प्रार्थन कर रहे हैं। क्या यह सारे देश विरोधी हैं। मैं मंत्रियों और भाजपा के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि ऐसे कितने ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया और देश के लिए मेडल जीत कर लाए। ऐसे कितने ही खिलाड़ी सीमा पर किसानों के साथ बैठे हुए हैं। अपने अपने घरों में बैठकर किसानों को वो दुआएं भेज रहे हैं। यह सारे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जो देश के लिए खेले थे और देश के लिए पदक जीते थे, क्या यह सारे देश विरोधी हैं। इन बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों से मैं पूछना चाहता हूं कि कितने गायक और बॉलीवुड सैलिब्रिटी हैं, जो किसानों के बच्चे हैं। कुछ गायकों- सैलिब्रिटी को तो मैं खुद जानता हूं, जो किसानों के बच्चे हैं और किसानों के परिवार से आते हैं। यह सब लोग जो इनका समर्थन कर रहे हैं, क्या ये एंटी नेशनल हैं? कितने ही ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने अपना समर्थन दिया है। यह सब हमारे देश के डॉक्टर देश विरोधी है? आज मुझे पता चला कि बहुत बड़ा वकीलों का समूह सीमा पर उनको समर्थन देने के लिए पहुंचा था। क्या ये देश के सारे वकील देश विरोधी हैं। पंजाब से कई सारे व्यापारी कुछ दिन पहले मिलने के लिए आए। उन्होंने मुझे बताया कि पूरे पंजा और देश के सारे व्यापारी इनके साथ हैं। क्या देश के सारे व्यापारी देश विरोधी हैं?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे अपने अन्ना हजारे जी के आंदोलन के दिन याद आ गए। जब हम भी रामलीला मैदान में आंदोलन के लिए बैठे थे। उस वक्त की कांग्रेस की सरकार भी तरह तरह के षड्यंत्र रच कर हम लोगों के खिलाफ रोज अखबारों, मीडिया, टीवी चैनलों पर स्टोरी प्लान करवाती थी। यह गलत लोग हैं, ऐसे लोग एंटी नेशनल लोग हैं। उन दिनों में कांग्रेस के द्वारा जिस तरह से हमारे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी, आज वही कोशिश किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए बीजेपी, सत्तापक्ष कर रहा है। इस देश के किसानों को एंटी-नेशनल कहने की हिम्मत मत करना। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि इसमें तो बस पंजाब-हरियाणा के कुछ चंद किसान शामिल हैं, बाकि जनता इसमें शामिल नहीं है। यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि मैं दो-तीन दिन पहले एक शादी में गया था। वहां मैंने कुछ लोगों से पूछा कि इन किसान बिलों के बारे में आपको क्या कहना है और क्या सोचते हैं? आपको जानकर ताज्जुब होगा कि वहां मौजूद मध्यम और उच्च वर्ग के लोगों ने मुझसे कहा कि यह बिल बड़े खतरनाक हैं। मैंने कहा क्यों? तो उन्होंने कहा कि इन बिलों में यह लिखा है कि कोई भी आदमी अब कितने भी अनाज की जमाखोरी कर सकता है। अभी तक इस देश के अंदर जमाखोरी करना अपराध होता था। हर अनाज की एक लिमिट होती थी। जैसे चना है, तो सरकार लिमिट लगा देती थी कि 10 हजार क्विंटल से ज्यादा, कोई जो भी लिमिट थी, इससे ज्यादा अगर कोई चना की जमाखोरी करेगा तो उसके ऊपर मुकदमा चलाया जाएगा। उसको गिरफ्तार किया जाएगा। उसका सारा सामान जप्त कर लिया जाएगा। इस देश के अंदर जमाखोरी करना जुर्म होता था, क्योंकि जमाखोरी करने से कीमतें बढ़ती थी। अब केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसमें जमाखोरी करना अपराध खत्म कर दिया गया है। अब जमाखोरी करना अपराध नहीं बचा है। अब कोई कितने भी सामान, अनाज की जमाखोरी कर सकता है। ऐसे में जिनके पास पैसा है, वह अपने पास बहुत सारा अनाज स्टोर करके रख लेंगे। बहुत सारा अनाज अपने-अपने गोदामों के अंदर स्टोर करके रख लेंगे। ऐसे में वो लोग मुझे कहने लगे इससे सर महंगाई बहुत बढ़ जाएगी। कानून में लिखा है कि अगर महंगाई 1 साल में जब तक दोगुनी नहीं हो जाती, तब तक जमाखोरी करने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। ऐसे में हर साल महंगाई डबल होती जाएगी। आज अगर 20 रुपए किलो गेंहू है तो इस साल 40 रुपये किलो, अगले साल फिर 80 रुपये किलो और उससे अगली साल 3 साल में 160 रुपये किलो हो जाएगा। यह क्या है? मैं यह कहना चाहता हूं कि कोई गलतफहमी में न रहे कि इस कानून के समर्थन में केवल वो हजारों किसान हैं जो सीमा पर बैठे हुए हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस देश का एक-एक आदमी इन कानूनों को समझ रहा है। हर आदमी इन कानूनों को और इनकी बारीकियों को समझ रहा है। ऐसे लोग जो अपनी जिंदगी में व्यस्त होने की वजह से सीमा पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनका दिल किसानों के साथ है। मेरी केंद्र सरकार से गुजारिश है कि अहंकार छोड़िए। अहंकार अच्छी चीज नहीं होती। सरकारें जनता से बनती हैं, जनता सरकारों से नहीं बनती है। अगर जनता इन तीनों बिलों के खिलाफ है तो इन तीनों बिलों को तुरंत रद्द किया जाए। एमएसपी के ऊपर किसानों की फसलें खरीदने की गारंटी देने का बिल बनाया जाए। जितनी भी किसानों की मांगें हैं उन सारी मांगों को तुरंत मंजूर किया जाए।
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