चंडीगढ़, दिसंबर 10 : मैक्स हॉस्पिटल ने आज अपने किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट
में 1,000 सफल किडनी ट्रांसप्लांट पूरे होने की घोषणा की। अगस्त 2013 में
स्थापित ये यूनिट हर साल 90 प्रतिशत से अधिक की सफलता दर के साथ उत्तर भारत
में किडनी ट्रांसप्लांट में फ्रंट रनर सेंटर बन गया है।
जानकारी देते
हुए डॉ. मुनीश चौहान, सीनियर कंसल्टेंट-नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट
ने कहा कि यूनिट में एबीओ इनकम्पेटिबल ट्रांसप्लांट, एचआईवी पॉजिटिव लोगों
का ट्रांसप्लांट , लाइव किडनी डोनर ट्रांसप्लांट , पीडियाट्रिक
ट्रांसप्लांट्स ,स्वैप ट्रांसप्लांट, दूसरे व तीसरे ट्रांसप्लांट वाले
रोगियों और स्वैप ट्रांसप्लांट जैसे विभिन्न प्रकार के ट्रांसप्लांट और कई
कठिन मामलों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। टीम ने एक ऐसे व्यक्ति में तीसरा
बहुत ही दुर्लभ प्रकार का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया है, जिसके
पहले दो ग्राफ्ट रिजेक्ट हो गये थे।
अस्पताल में प्रति वर्ष औसतन 110 ट्रांसप्लांट के साथ 1000 ट्रांसप्लांट्स में से 22 स्वैप ट्रांसप्लांट, 21 पीडियाट्रिक ट्रांसप्लांट्स, 64 सेकंड ट्रांसप्लांट और 2 तीसरे ट्रांसप्लांट के मामले शामिल है।
पीजीआई नेफ्रोलॉजी के पूर्व प्रमुख और वर्तमान में मैक्स में नेफ्रोलॉजी और ट्रांसप्लांट मेडिसिन के सीनियर डायरेक्टर डॉ विनय सखुजा ने कहा, हमने सर्वोत्तम परिणाम के साथ 70-80 एबीओ इनकम्पेटेबल ट्रांसप्लांट किए हैं, जहां डोनर और रेसिपिएंट प्राप्तकर्ता का ब्लड ग्रुप अलग-अलग होता है। हमारे यूनिट में मासिक रूप से अब लगभग 3-4 एबीओ ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं। हमने सर्वोत्तम परिणाम के साथ स्वैप ट्रांसप्लांट व पीडियाट्रिक ट्रांसप्लांट्स के कई मामले भी किए हैं।
डॉ. मुनीश ने बताया कि यूनिट न केवल हिमाचल , पंजाब, जम्मू-कश्मीर व हरियाणा के मरीजों को बेहतर उपचार सुविधाएं प्रदान कर रहा है बल्कि यूपी, बिहार और मणिपुर जैसे राज्यों के मरीज भी अच्छी खासी संख्या में अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट करवा रहे हैं।
जगदीश सेठी, प्रिंसिपल कंसल्टेंट और चीफ ट्रांसप्लांट सर्जन ने कहा, हमने केवल लाइव ट्रांसप्लांट किया है और भविष्य में कैडेवर प्रोग्राम भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
ऐसा अनुमान है कि भारत में लगभग 2,20,000 लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। वर्तमान में भारत में 250 किडनी प्रत्यारोपण केंद्रों में लगभग 7,500 किडनी प्रत्यारोपण किए जाते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत जीवित डोनर से और 10 प्रतिशत मृतक डोनर से आते हैं, डॉ मनीष सिंगला, सीनियर कंसल्टेंट - नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट ने कहा ।
डॉ अंकुश मेहता, जीएम-ऑपरेशंस, मैक्स हॉस्पिटल ने कहा, क्रोनिक किडनी रोग के बढ़ते मामलों को पूरा करने के लिए मैक्स अस्पताल ने हाल ही में मैक्स मेड सेंटर में एक नई अत्याधुनिक डायलिसिस यूनिट खोली है, जिसमें डायलिसिस यूनिट की क्षमता को बढ़ाकर 30 बेड किया गया है।
No comments:
Post a Comment